2020-01-12 - The Nile Blog

8 राज्यों के 9 स्टूडेंट्स को 100 पर्सेंटाइल, इनमें राजस्थान के दो छात्र; तय तारीख से 15 दिन पहले ही रिजल्ट जारी

January 18, 2020
8 राज्यों के 9 स्टूडेंट्स को 100 पर्सेंटाइल, इनमें राजस्थान के दो छात्र; तय तारीख से 15 दिन पहले ही रिजल्ट जारी

कोटा.एनटीए ने घाेषित तारीख से 15 दिन पहले ही जेईई मेन का रिजल्ट जारी कर दिया है। ये रिजल्ट 31 जनवरी काे प्रस्तावित था, लेकिन एनटीए ने रिकाॅर्ड टाइम में परिणाम घाेषित कर दिया। आठ राज्याें के 9 स्टूडेंट्स ने 100 पर्सेंटाइल हासिल किया है, जिसमें राजस्थान, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के 2-2 स्टूडेंट्स हैं। इसमें काेटा के अखिल जैन और भरतपुर के पार्थ द्विवेदी शामिल हैं।

एनटीए ने ऑल इंडिया रैंक जारी नहीं की है। एनटीए वेबसाइट के नाेटिफिकेशन के अनुसार ऑल इंडिया रैंक अप्रैल जेईई मेन एग्जाम के बाद जारी की जाएगी। एनटीए ने शुक्रवार रात फाइनल आंसर-की भी जारी कर दी है।हालांकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि कितने आंसर काे गलत माना गया है या कितने बाेनस अंक मिले हैं। देर रात तक आंसर-की और रिजल्ट की प्राेसेसिंग चल रही थी।


काेटा के 2 स्टूडेंट्स का 100 एनटीए स्काेर
काेटा काेचिंग के 3 स्टूडेंट्स ने 100 एनटीए स्काेर हासिल किया है। इनमें से काेटा के अखिल जैन और भरतपुर के पार्थ द्विवेदी काेटा में काेचिंग के क्लासरूम स्टूडेंट्स हैं। इनके अलावा दिल्ली के निशांत अग्रवाल भी काेटा काेचिंग के स्टूडेंट हैं। आंध्रप्रदेश के जितेंद्र लांडा, थडावर्ती विष्णु श्री साईं शंकर, गुजरात के निसर्ग चड्ढा, हरियाणा के दिव्यांशु अग्रवाल, तेलांगाना के राेंगाला अरुण सिद्धार्थ और चागरी काैशल कुमार रेड्डी ने 100 एनटीए स्काेर हासिल किया।


अप्रैल जेईई मेन के आवेदन 7 फरवरी से
जनवरी परीक्षा के परिणाम की घोषणा के बाद अब अप्रैल 2020 में होने वाले जेईई मेन की प्रक्रियाएं शुरू की जाएंगी। अप्रैल एग्जाम के लिए ऑनलाइन आवेदन 7 फरवरी से 7 मार्च तक हाेगा। आवेदन शुल्क का भुगतान और इमेजेस अपलाेड करने की प्रक्रिया 8 मार्च तक हाेगी। ये परीक्षा 5, 7, 9 और 11 अप्रैल काे हाेगी।



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एनटीए ने शुक्रवार रात फाइनल आंसर-की भी जारी कर दी है। (फाइल फोटो)


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IIT से कम नहीं LPU, जानिए कैसे

January 17, 2020
IIT से कम नहीं LPU, जानिए कैसे

भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में अलग व विशेष ढंग से उभरकर सामने आया लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू ) देश का एक ऐसा विशिष्ट संस्थान हैं जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए किसी भी तरह से आईआईटी से कम नहीं है | यह न केवल इंजीनियरिंग अपितु अन्य प्रोग्रामों के लिए भी श्रेष्ठ संस्थान है। एलपीयू की सबसे बड़ी ताकत है इसके विद्यार्थियों की बेहतरीन प्लेसमेंट्स।

अपनी इसी क्वालिटी के चलते, और इसी तर्ज पर यूनिवर्सिटी में बीटेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की तृतीय वर्ष की होनहार छात्रा तान्या अरोड़ा को, बीते वर्ष 2019 के अंत में , टॉप कम्पनी माइक्रोसॉफ्ट में 42 लाख रुपये की जॉब पर सिलेक्शन हुई है, जबकि अभी उसने अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं की है । साल 2019 में यह इंजीनियरिंग क्षेत्र में किसी भी फ्रेशर को मिलने वाला सबसे बड़ा ऑफर है। इस तरह पिछले तीन वर्षों से लगातार एलपीयू ने अपने विद्यार्थियों की रिकॉर्ड प्लेसमेंट देखी है, और अब तान्या को मिली अनुपम ऑफर से एलपीयू ने उत्तर भारत में प्लेसमेंट रिकॉर्ड में एक और सितारा जड़ा है।

अपनी जन्मस्थली देहरादून से कोसों दूर आकर एलपीयू में पढ़ाई को प्राथिमकता देने वाली तान्या अरोड़ा गर्व से बताती है कि उसे मिली सफलता का श्रेय एलपीयू , इसके टीचर्स व स्पेशल मेंटर्स को ही जाता है जो अपने बेहतर प्रयासों व ट्रेनिंग्स से सभी विद्यार्थियों का शिखर पर पहुँचने के प्रति कुशल मार्गदर्शन करते हैं | "मेरे माता पिता और मेरा एलपीयू में एडमिशन लेने का निर्णय कितना सार्थक रहा है वह आज सबके सामने है|" असल में जिस तरह इस बार तान्या अरोड़ा को बेहतरीन अवसर प्राप्त हुआ है, उसी तरह एलपीयू में एडवांस शिक्षा प्रणाली के चलते तान्या की तरह ही अन्य कई विद्यार्थियों को भी कई उल्लेखनीय प्लेसमेंट के अवसर मिलते रहते हैं।

वास्तव में गूगल, एमेजॉन आदि जैसी बड़ी कंपनियों में एलपीयू के विद्यार्थी एक करोड़ रूपये से भी अधिक के सैलरी पैकेज के साथ उच्च पदवियों पर कार्यरत हैं। अकेले कॉगनीजैंट जैसी कंपनी, जो कि विश्व की तीसरे नंबर की आईटी कंपनी है, ने ही एलपीयू के 1900 विद्यार्थियों को नियुक्त किया। इस तरह विश्व के हर कोने में एलपीयू के विद्यार्थी दिग्गज कंपनियों में कार्यरत हैं। टॉप कंपनियों जैसे कि एमेजॉन, हिंदुस्तान लीवर, माइक्रोसॉफ्ट, एचपी जैसी 110 वे कंपनियां हैं जो आईआईटी से रिक्रूट करने के साथ-साथ एलपीयू से भी रिक्रूट करती हैं।

एलपीयू अपनी स्थापना से लेकर अब तक हमेशा ही बेहतरीन प्लेसमेंट और टाइम के अनुरूप इनोवेटिव एजुकेशन के लिए जाना जाता है| इसका मुख्य कारण एलपीयू द्वारा इंडस्ट्री की आवश्यकताओं के अनुरूप तालमेल बनाए रखना और उनमे निरंतर बदलाव करते रहना भी है। एलपीयू विद्यार्थियों में इंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के साथ-साथ अपने विद्यार्थियों की रिसर्च स्किल्स को भी मजबूत करता है जिसकी बदौलत ये संस्थान हमेशा अपने स्टूडेंट्स के लिए इंडस्ट्री व समाज में बेहतर मुकाम को सुनिश्चित कर पाता है। कॉर्पोरेट क्षेत्र के साथ एक मजबूत और सार्थक इंटरफ़ेस होने की वजह से आए दिन यूनिवर्सिटी में बड़ी संख्या में हाई प्रोफाइलड प्रोफेशनल नियमित रूप से विद्यार्थियों के साथ अपनी एक्सपर्टीज़ शेयर करते हैं और स्टूडेंट्स को बेहतर इंडस्ट्री एजुकेशन देने के लिए इवेल्यूवेशन प्रोसेस के माध्यम से तैयार करते हैं। इन्हीं सब सुविधाओं के चलते विद्यार्थी नामी-गिरामी इंडस्ट्री के लाइव प्रोजेक्ट्स पर काम करने के अवसर भी प्राप्त करते हैं।


इस विडियो की मदद से देखें तान्या की इस सफलता का सफर -

एलपीयू में शिक्षा प्रदान कर रहे 3600 से अधिक फैकल्टी मेंबर्स देश-विदेश के उच्च संस्थानों से सिलेक्ट किए गए हैं। बहुत-से फैकल्टी मेंबर आईआईटी, एनआईटी और विख्यात इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी जैसे कि हॉवर्ड, स्टेनफोर्ड से भी हैं। एलपीयू में पढ़ाई केवल किताबों के द्वारा ही नहीं होती अपितु विद्यार्थी एक्सपेरिमेंट्स के द्वारा स्वंय प्रयोगात्मक ढंग से सीखते हैं । यहां पर मेकैनिकल इंजीनियरिंग विभाग के विद्यार्थी स्वयं कार बनाते हैं; कंप्यूटर साईंस विभाग में विद्यार्थियों के लिए कोर्स के अनसुार मोबाईल ऐप बनाना अनिवार्य है;और, फैशन टैक्नोलॉजी के विद्यार्थी राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर के फैशन शो भीआयोजित करते रहते हैं। वास्तव में, यहां पर हर क्षेत्र के विद्यार्थी को पढ़ाई उसके प्रोग्राम के अनुरूप प्रैक्टीकल ढंग से ही करवाई जाती है।

वैसे भी अब एल पी यू अपनी कई खूबियों के कारण समूचे देश ही नहीं अपितु विदेश में भी हर क्षेत्र के मेधावी विद्यार्थियों लिए बेस्ट च्वॉइस बन गया है| अगर विद्यार्थियों को आईआईटी में प्रवेश न मिल सके तो ऐसा नहीं है कि वे किसी अन्य उच्चकोटि के शिक्षण संस्थान से अपना इंजीनयरिंग कॅरियर शुरू ही नहीं कर सकते। ऐसे में अपने चहुंमुखी विकास के लिए विद्यार्थी एलपीयू को ही प्राथमिकता देते हैं क्योंकि 600 एकड़ से अधिक में फैला हुआ एलपीयू का कैंपस किसी भी शहर से कम नहीं है और इसे टाउनशिप यूनिवर्सिटी के नाम से भी जाना जाता है| यहां एक ही कैंपस पर आधुनिक लैबस, स्मार्ट क्लास रूम्स , देश का सबसे बड़ा ऑडिटोरियम , ओलिंपिक स्तर पर तैयार स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स,बहुमंजिला लाइब्रेरी, शॉपिंग मॉल,अस्पताल, बैंक्स, पोस्ट ऑफिस और यहां तक कि यूनिवर्सिटी का अपना होटल भी है। इसका अस्पताल विद्यार्थियों के स्वास्थय की देखभाल के लिए परिसर में ही फॉर्मेसी केंद्र के साथ चौबीसों घंटों खुला रहता है ।

एलपीयू कैंपस में भारत के सभी राज्यों व केंद्र शाषित प्रदेशों तथा 70 से अधिक देशों से आकर 30,000 से अधिक विद्यार्थी विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं, पहरावों, परंपराओं व रीति-रिवाजों के मध्य रहते हुए एक-दूसरे से मिलजुल कर रहना,ज्ञानप्रद व व्यवहारिक बातें आदि सीखते रहतें हैं, ताकि वे भविष्य में वैश्विक नागरिक बन कर उभरें और विश्व भर में मानवता के लिए अपना अनूठा स्थान निश्चित कर सकें । साथ-साथ यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों की ओवर ऑल पर्सनैलिटी डेवपलमेंट पर भी पूरा ध्यान दिया जाता है। यूनिवर्सिटी में 150 से भी अधिक सोसाइटियां हैं जिन्हें विद्यार्थी अपने टैलेंट अनुसार ज्वाइन कर सकता है- जैसे कि, डांस, म्यूजिक, थिएटर, लिटरेरी, रोबोटिक्स, योगा तथा क्रिकेट, बॉस्केटबॉल जैसी बहुत सी स्पोर्टस गतिविधियां आदि।


देश के सभी मेधावी विद्यार्थियों को एक अच्छी यूनिवर्सिटी में पढ़ने का मौका मिल सके और कहीं वे किसी आर्थिक कारण से पिछड़ न जाएं, इसलिए एल पी यू में दाखिले के समय यूनिवर्सिटी का ही स्कॉलरशिप टेस्ट ‘एलपीयू नैस्ट ’ भी लिया जाता है | वास्तव में, एलपीयू के प्रतिष्ठित प्रोग्राम्स में दाखिला विश्वविद्यालय की खुद की प्रवेश परीक्षा-एलपीयूएनईएसटी (एलपीयू नेशनल एंट्रेंस एंड स्कालरशिप टेस्ट) के माध्यम से योग्यता पर आधारित हैं। यूनिवर्सिटी द्वारा यह टेस्ट ऑनलाइन और पूरे भारत में 200 से अधिक शहरों में लिया जाता है। यह विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के लिए केवल प्रवेश परीक्षा ही नहीं है, बल्कि यह छात्रवृत्ति भी प्रदान करता है। परीक्षण में प्रदर्शन के आधार पर, विद्यार्थी 4.3 लाख रुपये तक की स्कालरशिप प्रति विद्यार्थी प्राप्त कर सकते हैं। वर्ष 2020 के प्रवेश के लिए, एलपीयू अप्रैल 2020 में इस टेस्ट का संचालन सीबीएसई के नवीनतम जे ई ई पैटर्न अनुसार करना है|

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LPU not less than IIT, know how


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पहली बार नॉन कमिशन्ड रैंक में महिलाओं की भर्ती, 20% होगी महिला जवानों की संख्या

January 15, 2020
पहली बार नॉन कमिशन्ड रैंक में महिलाओं की भर्ती, 20% होगी महिला जवानों की संख्या

वर्तिका तोलानी. 6 जनवरी 2020 भारतीय सेना के लिए ऐतिहासिक तारीख बन गई है। इस दिन सेना के नॉन कमीशंड पदों पर भर्ती के लिए 99 महिलाओं के पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू हुई है। सेना पुलिस में महिलाओं की जवान के तौर पर पहली बार भर्ती की जा रही है। अभी तक महिलाएं सिर्फ अधिकारी के तौर पर भर्ती की जाती हैं। भारतीय सेना में महिलाओं के प्रतिशत पर यदि नजर डालें तो 14 लाख सशस्त्र बलों के 65,000 अधिकारियों के कैडर में थल सेना में 1500, वायुसेना में 1600 और नौसेना में मात्र 500 ही महिलाएं हैं। सेना का लक्ष्य मिलिट्री पुलिस कैडर में महिलाओं की संख्या 20 प्रतिशत करना है। इसी क्रम में कॉर्प्स ऑफ मिलिट्री पुलिस (सीएमपी) में 99 महिलाओं के पहले बैच की ट्रेनिंग शुरु की गई है।

भारतीय सेना के इतिहास की यदि बात करें तो 15 जनवरी 1949 में फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान ली थी। करियप्पा भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ के साथ फील्ड मार्शल की रैंक हासिल करने वाले पहले ऑफिसर बन गए थे। इसलिए 15 जनवरी को हर साल आर्मी डे के रूप में मनाया जाता है। उस वक्त भारतीय थल सेना में करीब 2 लाख सैनिक थे। आज यह संख्या 17 लाख से भी ज्यादा है बावजूद इसके सेना में महिलाओं की भागीदारी बहुत कम है। नॉन कमिशन्ड रैंक में महिलाओं की भर्ती को बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप विभिन्न चरणों में तकरीबन 1,700 महिलाओं को सीएमपी में शामिल करने की बात गर्वनमेंट सेंक्शन लेटर (जीएसएल) में कही गई है। यानी आने वाले समय में थल सेना में महिलाओं के लिए सुनहरे अवसर मिलने की संभावना है। ऐसे में आर्मी डे के अवसर पर कर्नल डॉ. गिरिजेश सक्सेना (रिटायर्ड) बता रहे हैं किस तरह सेना पुलिस में महिलाएं कॅरिअर बनाने के साथ देश सेवा में बढ़-चढ़कर भाग ले सकती हैं।



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For the first time women will be recruited in non-commissioned rank, the number of women jawans will be 20%


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